धर्म डेस्क-हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष पौराणिक महत्व होता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण में उल्लेख है कि माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं अत: इस पावन समय गंगाजल का स्पर्शमात्र भी स्वर्ग की प्राप्ति देता है। इसी प्रकार पुराणों में मान्यता है कि भगवान विष्णु व्रत, उपवास, दान से भी उतने प्रसन्न नहीं होते, जितना अधिक प्रसन्न माघ स्नान करने से होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह दिन जनवरी या फरवरी में आता है। माघ पूर्णिमा को महा माघी और माघी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन दान, पुण्य और स्नान को शुभ फलकारी माना जाता है। इस साल माघ पूर्णिमा 27 फरवरी 2021 को है।
माघ पूर्णिमा 2021 तिथि और शुभ मुहू्र्त
पूर्णिमा तिथि शुरू- 15:50- 26 फरवरी 2021
पूर्णिमा तिथि खत्म- 13:45- 27 फरवरी 2021
माघ पूर्णिमा का महत्व-
माघ पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर पवित्र नदी में स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
माघ पूर्णिमा व्रत नियम और पूजा विधि
माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किये जाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए। जानिए माघ पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि :
1. माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
2. स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए।
3. मध्याह्न काल में गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए।
4. दान में तिल और काले तिल विशेष रूप से दान में देना चाहिए। माघ माह में काले तिल से हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
5.भगवान विष्णु की पूजा मंदिर में या अपने घरों में करनी चाहिए।
6.विष्णु पूजा पूरी होने के बाद, भक्त सत्यनारायण कथा का पाठ करते हैं।
7.गायत्री मंत्र ’या ओम नमो नारायण’ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए।