Articles Search

Title

Category

जानिए पंचामृत का महत्व, मंत्र और बनाने की विधि

Wednesday, 17 October 2018 15:08

Title

Category

संदीप कुमार मिश्र : हमारे हिंदू सनातन धर्म में किसी भी पूजा पाठ के बाद भगवान की आरती की जाती है फिर प्रसादस्वरुप सबसे पहले भगवान का पंचामृत दिया जाता है।हमारे हिंदू धर्म में पंचामृत का विशेष महत्व है। इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है तथा मस्तक से लगाने के बाद ही इसका सेवन किया जाता है।

पंचामृत ग्रहण करने का मंत्र भी हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है :

पंचामृत मंत्र

पंचामृत सेवन करते समय निम्र श्लोक पढऩे का विधान है :-

अकालमृत्युहरण सर्वव्याधिविनाशनम्।

विष्णुपादोदंक (पीत्वा पुनर्जन्म न) विद्यते।।

कहने का भाव है कि, भगवान विष्णु के चरणों का अमृतरूपी जल सभी तरह के पापों का नाश करने वाला है। यह औषधि के समान है। अर्थात पंचामृत अकाल मृत्यु को दूर रखता है। सभी प्रकार की बीमारियों का नाश करता है। इसके पान से पुनर्जन्म नहीं होता।

 

आईए जानते हैं पंचामृत बनाने की सही विधि क्या है..

पंचामृत बनाना बहुत ही सरल है, पंचामृत बनाने में आपको गाय का दूध,गाय के दूध की दही,गुड़,शहद, तुलसी दल, गंगाजल,मेवा, मखाने, चिरौंजी, किशमिश की आवश्यकता होगी।जिसे आप तांबे के किसी भी बड़े पात्र में डालकर ठीक से मिला लें,जिससे की सब मिल जाए।

पंचामृत सेवन के आधुनिक वैज्ञानिक लाभ

पंचामृत में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है जिनसे हमारी हड्डियां मज़बूत बनती हैं।

पंचामृत का सेवन दिमाग को शांत और गुस्से को कम करता है।

पंचामृत से हमारा हाज़मा ठीक रहता है और भूख न लगने की समस्या दूर होती है।

 

ध्यान रखने योग्य बातें -

पंचामृत आप जिस दिन बनाएं उसी दिन खत्म कर दें। अगले दिन के लिए न रखें।

पंचामृत हमेशा दाएं हाथ से ग्रहण करें, इस दौरान अपना बायां हाथ दाएं हाथ के नीचे सटा कर रखें।

पंचामृत को ग्रहण करने से पहले उसे सिर से लगाएं, फिर ग्रहण करें, फिर हाथों को सिर पर न लगाएं।

पंचामृत हमेशा तांबे के पात्र से देना चाहिए। तांबे में रखा पंचामृत इतना शुद्ध हो जाता है कि अनेकों बीमारियों को हर सकता है। इसमें मिले तुलसी के पत्ते इसकी गुणवत्ता को और बढ़ा देते हैं। ऐसा पंचामृत ग्रहण करने से बुद्धि स्मरण शक्ति बढ़ती है।

पंचामृत का सेवन करने से शरीर रोगमुक्त रहता है।

तुलसी रस से कई रोग दूर होते हैं और इसका जल मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है।

पंचामृत अमृततुल्य है। इसका नियमित सेवन शरीर को रोगमुक्त रखता है। तुलसी के पत्ते गुणकारी सर्वरोगनाशक हैं। यह संसार की एक सर्वोत्तम औषधि है।

 (संकलन)

 

http://sandeepaspmishra.blogspot.com/2018/10/blog-post_17.html

 

To subscribe click this link – 

https://www.youtube.com/c/TotalBhaktiVideo?sub_confirmation=1

If You like the video don't forget to share with others & also share your views

Website  : https://www.totalbhakti.com/

Google Plus :  https://plus.google.com/u/0/+totalbhakti

Facebook :  https://www.facebook.com/totalbhakti/

Twitter  :  https://twitter.com/totalbhakti/

Linkedin :  https://www.linkedin.com/in/totalbhakti/

 

 

Read 44404 times

Ratings & Reviews

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

Wallpapers

Here are some exciting "Hindu" religious wallpapers for your computer. We have listed the wallpapers in various categories to suit your interest and faith. All the wallpapers are free to download. Just Right click on any of the pictures, save the image on your computer, and can set it as your desktop background... Enjoy & share.